...

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किसने यह सोचा था
एक साल इतना कुछ बदलेगा
किसने यह सोचा था
जिंदगी का रुख यूं मोड़ देगा
किसने यह सोचा था
सब कुछ वैसा ही होगा
पर पहले सा अब कुछ भी नहीं होगा
किसने यह सोचा था

वक्त गुजरता जा रहा है
ज़िंदगी थम सी गई है
लोग जी तो रहे हैं
जीने की उमंग कहीं खो सी गई है
त्योहार तो अब भी मना रहे हैं
त्योहारों की रौनक कहीं गुम सी गई है
खुशियां तो सब आज भी ढूंढ रहे हैं
खुशियों की वजह कहीं छुप सी गई है

एक साल इतना कुछ छीनेगा
किसने यह सोचा था
जीने का तरीका ही बदल देगा
किसने यह सोचा था


© Megha