याद तुम्हारी....!
अनजाने अजनबी शहर में
बोझिल अलसाई सुबह में
धुंधलाई ख़ामोश शाम को
याद तुम्हारी एक छोटी सी
सुंदर प्यारी सी मैना बन
मेरे कमरे में आ जाती है,
और तुम्हारे मन की पीड़ा...
बोझिल अलसाई सुबह में
धुंधलाई ख़ामोश शाम को
याद तुम्हारी एक छोटी सी
सुंदर प्यारी सी मैना बन
मेरे कमरे में आ जाती है,
और तुम्हारे मन की पीड़ा...