Akeli hoon!
अकेली हूं दुनिया की भीड़ में,
खुद से बात करती हूँ!
अकेले बैठकर अक्सर,
बीते लम्हे याद करती हूँ!
साथ तो मेरे भी एक काफिला चलता है,
पर गौर से देखे तो,
उस काफिले में भी हर शख्स अकेला ही मिलता है!
बहुत कुछ कहती है खामोशी भी,
सुनने वाला कोई नहीं है!
एक ही शख्स हो समझने वाला,
और वो ही नहीं है!
अकेली हूं दुनिया की भीड़ में,
खुद से ही बात कर लेती हूँ!
अकेले बैठकर कर अक्सर बीते लम्हें याद कर लेती हूँ !
© Riya.P
खुद से बात करती हूँ!
अकेले बैठकर अक्सर,
बीते लम्हे याद करती हूँ!
साथ तो मेरे भी एक काफिला चलता है,
पर गौर से देखे तो,
उस काफिले में भी हर शख्स अकेला ही मिलता है!
बहुत कुछ कहती है खामोशी भी,
सुनने वाला कोई नहीं है!
एक ही शख्स हो समझने वाला,
और वो ही नहीं है!
अकेली हूं दुनिया की भीड़ में,
खुद से ही बात कर लेती हूँ!
अकेले बैठकर कर अक्सर बीते लम्हें याद कर लेती हूँ !
© Riya.P