गज़ल
तू उसे बात दिल की बता
चल हथेली पे सरसो उगा
होने वाली है शादी मिरी
नींद से तू मुझे न जगा
आज दो ताज देखेगें हम
आने वाली है वो आगरा
ये कबूतर बड़ा चंट है
उसका खत ही नहीं दे रहा
फैसला आग और आब का
एक बर्तन का है फासला
खुश बहुत होंगे सुनके मियाँ
सात लड़की पे लड़का हुआ
पहले पंछी उड़ा पिंजरे से
जश्न-ए-आज़ादी तू फिर मना
चल रुला आज जर्जर मुझे
मेरी उल्फत का किस्सा सुना
___ जर्जर
चल हथेली पे सरसो उगा
होने वाली है शादी मिरी
नींद से तू मुझे न जगा
आज दो ताज देखेगें हम
आने वाली है वो आगरा
ये कबूतर बड़ा चंट है
उसका खत ही नहीं दे रहा
फैसला आग और आब का
एक बर्तन का है फासला
खुश बहुत होंगे सुनके मियाँ
सात लड़की पे लड़का हुआ
पहले पंछी उड़ा पिंजरे से
जश्न-ए-आज़ादी तू फिर मना
चल रुला आज जर्जर मुझे
मेरी उल्फत का किस्सा सुना
___ जर्जर