ऐ खुदा तूने इस दिल को मूम का क्यों बनाया है
गम में भी मुस्कुराते रहना तूने ही सिखाया है,
गम में भी मुस्कुराते रहना तूने ही सिखाया है,
पर पिघल जाता है ये दिल ,
जब जब इसे अंगारों ने जलाया है,
मुश्किलें तो बहुत आयी रस्ते में मगर गम केवल इस बात का है कि,
ये खुदा तूने इस दिल को मूम का क्यों बनाया है।
गम में भी मुस्कुराते रहना तूने ही सिखाया है,
पर पिघल जाता है ये दिल ,
जब जब इसे अंगारों ने जलाया है,
मुश्किलें तो बहुत आयी रस्ते में मगर गम केवल इस बात का है कि,
ये खुदा तूने इस दिल को मूम का क्यों बनाया है।