...

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कलम
मैं वो कलम हूँ,जो देश के दुख में रोती है|
मैं तब तक लिखती हूँ जब तक उन अंधेरी रातों से नई सुबह होती है ॥

मैं देश के लिए लिखती हूँ,
उन गुलाबी रंग ओढ़े कागज़ो के लिए...