...

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आखिरी मोहब्बत
अगर तू मेरी इकलौती मोहब्बत ना होती
तो मैं तेरे लिए रातों को रोया ना करती ,
तू तब भी मेरा नहीं था अब भी नहीं है।
पर तब तू मेरे साथ तो था
अब तो तू साथ भी नहीं है,
मोहब्बत झूठी ही सही तेरी पर मोहब्बत तो थी
सच्ची नहीं
पर तसल्ली दिलाने वाली तो थी
तेरे ख्वाब मुझे आज भी सता देते है
सोते सोते ही रुला देते है
मैं रातें तबाह कर चुकी हू अपनी रातें तेरे लिए
मैं तुझे खो के खुद को खो चुकी हू अपने लिए
मुझे मालूम है तू वापिस कभी नहीं आएगा
पर मैं उम्मीद छोर दु ये तो मुझसे हो नहीं पाएगा
तू खुश रह अपनी जगह
मैं तुझे परेशान नहीं करुँगी...
मैं अकेलेही रह लुंगी
मैं तेरी तरह
तुझे बदनाम नहीं करुँगी...

© Anupriya Anoj sharma