दुनिया के नियम
नियमों से चलती रही है यह दुनिया आज तक,हमने तो बस यही सीखा है।
पर सवाल करने का कहां मिलता है किसी को मौका,सालों से हमने ऐसे ही जिया है।
चलते रहो सबके दिखाए हुए रास्ते पर, खुद को खो भी दिया तो रास्ता नहीं भूलोगे।
जिंदगी निकल भी गई हाथ से तुम्हारे, तब भी कोई क्या कहेगा यह सोचना नहीं छोड़ोगे।
बंध गए हैं हम इन नियमों से, डरने लगे हैं हम अब खुद से।...
पर सवाल करने का कहां मिलता है किसी को मौका,सालों से हमने ऐसे ही जिया है।
चलते रहो सबके दिखाए हुए रास्ते पर, खुद को खो भी दिया तो रास्ता नहीं भूलोगे।
जिंदगी निकल भी गई हाथ से तुम्हारे, तब भी कोई क्या कहेगा यह सोचना नहीं छोड़ोगे।
बंध गए हैं हम इन नियमों से, डरने लगे हैं हम अब खुद से।...