...

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अहद ( कसम)
अर्श देखती हो न तुम चाँद को तो देखा ही होगा।
हर कोई जैसे तेरा दीवाना हो गया है क्या।

अहद किया है क्या हम से नफरत करने की।
तेरे नज़र मे अब हम पुराने हो गये है क्या।

अब हो गयी है मुझे मग्रिबे माय से तालुक।
फज़र तक अब तुम गुमनाम हो गयी हो क्या।

ज़हमत किया है आप ने जो नजरे उठा कर देख ली।
अब ये नजरे मुझसे परेसान हो गयी है क्या।

पूछना चाहती हो मुझ से तो पूछती क्यू नही। अवाले पर गए है जबान में क्या।

Arshalan.