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शीर्षक - रंग खेले।
शीर्षक - रंग खेले।

रंग खेले मोर कन्हाई।
रंग खेले देखो रघुराई।
हो रही फूलों की वर्षा,
है अवध में होली आई।

बाबा खेले मसाने में।
लगे भसम रमाने में।
औघड़ संग बैठे बाबा,
है व्यस्त रंग उड़ाने में।

मथुरा खेले काशी खेले,
देश का हर वासी...