जीवन यात्रा
#हिमकण
© Nand Gopal Agnihotri
शीतल कठोर हीरे से कण,
झरझर झरते पड़ पड़ करते।
बादल से भू पर गिर कर यूं,
लगते जैसे मोती बरसे।
कोमल पल्लव करते विदीर्ण,
वृक्ष लगें श्रृंगार हीन।
बच्चे खुश होते देख-देख,
चुन-चुन कर खाते एक एक।
नुक्सान बहुत भारी...
© Nand Gopal Agnihotri
शीतल कठोर हीरे से कण,
झरझर झरते पड़ पड़ करते।
बादल से भू पर गिर कर यूं,
लगते जैसे मोती बरसे।
कोमल पल्लव करते विदीर्ण,
वृक्ष लगें श्रृंगार हीन।
बच्चे खुश होते देख-देख,
चुन-चुन कर खाते एक एक।
नुक्सान बहुत भारी...