जिसको चाहा था
जिसको चाहा था कभी,
उसी के लिए आसूं बरस रहें हैं आज तक..
जिसके लिए सब छोड़ ,
उसी को पाने के लिए तरस रहें हैं आज तक..
© Abhishek
उसी के लिए आसूं बरस रहें हैं आज तक..
जिसके लिए सब छोड़ ,
उसी को पाने के लिए तरस रहें हैं आज तक..
© Abhishek