सुकून
शायद सुकून की तलाश में
लोग लगाते हैं मौत को गले
भूल जाते हैं अपनों को भी
बस याद आते होंगे उनको
दुःख अपने,,,,
कभी आंसु तो कभी दर्द
ना जाने कितनी घुटन को
सहन करते होंगे,,,,सबकी
नजरों से परे,,,,
शायद सुकून की तलाश में
लोग लगाते हैं मौत को गले।
लोग लगाते हैं मौत को गले
भूल जाते हैं अपनों को भी
बस याद आते होंगे उनको
दुःख अपने,,,,
कभी आंसु तो कभी दर्द
ना जाने कितनी घुटन को
सहन करते होंगे,,,,सबकी
नजरों से परे,,,,
शायद सुकून की तलाश में
लोग लगाते हैं मौत को गले।