एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में है ।।
यह गाथा एक असंभव गाथा मगर!
किन कारणों, तथ्यों के कारण,
यह गाथा का मगर फिर भी केवल एकमात्र आत्मा नहीं है,
बल्कि भिन्न भिन्न तथ्यों से निर्मित है,
मगर उन तथ्यों का विषय एकमात्र आत्मा अकेले नहीं हो सकती है,
बल्कि कुछ और विषय में गठित हैं,
जिसके लिए वह अपने द्वारा संबोधन में बताया गया है -कि इसका विषय गोपनीयता में है,
मगर फिर भी वह ऐसा कौन सा, कैसा विषय, क्या आशय उल्लेख स्पष्टीकरण है,
मगर हम सब बिना किसी तथ्य,
बिना किसी साक्ष्य के ही उसे कोई भी विषय!
प्रदान नहीं कर सकते हैं,
अब क्योंकि बात आई इसके विषय की -
तो बिना किसी साक्ष्य के ही उसे आत्मा अर्थात परमात्मा घोषित कर उसे ही सर्वत्र व्याप्त मान लिया!
मगर वो तथ्य भी क्या आशय देते हैं?
क्या उल्लेख करते हैं?
क्या स्पष्टीकरण देते हैं?
आशय -खोज पर शोध जारी 📖(वह)
उल्लेख -गोपनीय 📖
स्पष्टीकरण -आशय विषय...
किन कारणों, तथ्यों के कारण,
यह गाथा का मगर फिर भी केवल एकमात्र आत्मा नहीं है,
बल्कि भिन्न भिन्न तथ्यों से निर्मित है,
मगर उन तथ्यों का विषय एकमात्र आत्मा अकेले नहीं हो सकती है,
बल्कि कुछ और विषय में गठित हैं,
जिसके लिए वह अपने द्वारा संबोधन में बताया गया है -कि इसका विषय गोपनीयता में है,
मगर फिर भी वह ऐसा कौन सा, कैसा विषय, क्या आशय उल्लेख स्पष्टीकरण है,
मगर हम सब बिना किसी तथ्य,
बिना किसी साक्ष्य के ही उसे कोई भी विषय!
प्रदान नहीं कर सकते हैं,
अब क्योंकि बात आई इसके विषय की -
तो बिना किसी साक्ष्य के ही उसे आत्मा अर्थात परमात्मा घोषित कर उसे ही सर्वत्र व्याप्त मान लिया!
मगर वो तथ्य भी क्या आशय देते हैं?
क्या उल्लेख करते हैं?
क्या स्पष्टीकरण देते हैं?
आशय -खोज पर शोध जारी 📖(वह)
उल्लेख -गोपनीय 📖
स्पष्टीकरण -आशय विषय...