शायर(आशीष ) ने मौत को क्या खूब कहा है।
जिन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास न बैठा,
आज सब मेरे पास बैठे जा रहे है।...
कोई तोहफा न मिला आज तक ,
और आज फूल ही फूल दीये जा रहे है ....
तरस गये थे हम किसी एक...
आज सब मेरे पास बैठे जा रहे है।...
कोई तोहफा न मिला आज तक ,
और आज फूल ही फूल दीये जा रहे है ....
तरस गये थे हम किसी एक...