भुला देना
मैं जो कभी अन्दर से टूट कर बिखरू
वो मुझे थामने के लिए हाथ बढ़ा देता है,
मैं जो तन्हा...
वो मुझे थामने के लिए हाथ बढ़ा देता है,
मैं जो तन्हा...