van sa hai ye jivan
वन सा है ये जीवन
यहां होती है हर बात पर अनबन
गाता जाता है हर जन गण
यहां फूले है गर्व से तन मन
कभी बाटे गए थे यहां वर्ण
यहां उठते है कई प्रश्न
जिन का उत्तर मिलने पर होते है जश्न
वन सा है ये जीवन....
बदलता नहीं कहा गया कथन
चाहे कर लो फिर कितने जतन
महापुरषों मैं राम लखन
कोशल्या के दो रत्न
एक दौर ऐसा भी आया था जो कर गया हिस्से वतन
छीन गया चमन
ले गया...
यहां होती है हर बात पर अनबन
गाता जाता है हर जन गण
यहां फूले है गर्व से तन मन
कभी बाटे गए थे यहां वर्ण
यहां उठते है कई प्रश्न
जिन का उत्तर मिलने पर होते है जश्न
वन सा है ये जीवन....
बदलता नहीं कहा गया कथन
चाहे कर लो फिर कितने जतन
महापुरषों मैं राम लखन
कोशल्या के दो रत्न
एक दौर ऐसा भी आया था जो कर गया हिस्से वतन
छीन गया चमन
ले गया...