आपकीं हवाएँ।
रोज़ रात को याद आती है आपकी,
पता नहीं खुद से पूछती हूँ, कि क्या याद आती है तुम्हे मेरी?
दिन भी अभी बीत चुका है,
1900 की तरह करते हैं आप,...
पता नहीं खुद से पूछती हूँ, कि क्या याद आती है तुम्हे मेरी?
दिन भी अभी बीत चुका है,
1900 की तरह करते हैं आप,...