बताओ क्या लिखूं.....
गीत लिखूं या गजल लिखूं ,
शायरी लिखूं या कलाम लिखूं ,
लिखने को बेचैन हूँ ,
पर समझ ना आए कैसे सलाम लिखूं ....
चेहरे को क्या लिखूं ,
चाँद लिखूं या गुलाब लिखूं ,
आँखों को क्या लिखूं ,
मधुशाला लिखूं या शराब लिखूं ....
जुल्फों को क्या लिखूं ,
घटा लिखूं या शाम लिखूं ,
दिल करता है हर नगमा
बस आपके नाम लिखूं ...
हर लफ्ज एक गीत बने ,ऐसा कोई साज़
लिखूं ,
कि कलम से एक नया अंदाज़
लिखूं ....
आपके हुस्न कि तारीफ में सोचता हूँ कुछ
अल्फाज लिखूं ,
लिखा ना हो जो अब तक किसी ने
ऐसा कुछ आज लिखूं ....
#कुन्दन_प्रीत
#कुंदन_नज़्म
#कुंदन_कविता
#kundan_preet
#kundan_nazm
#kundan_kavita
#WritcoQuote
#Writing
© कुन्दन प्रीत
शायरी लिखूं या कलाम लिखूं ,
लिखने को बेचैन हूँ ,
पर समझ ना आए कैसे सलाम लिखूं ....
चेहरे को क्या लिखूं ,
चाँद लिखूं या गुलाब लिखूं ,
आँखों को क्या लिखूं ,
मधुशाला लिखूं या शराब लिखूं ....
जुल्फों को क्या लिखूं ,
घटा लिखूं या शाम लिखूं ,
दिल करता है हर नगमा
बस आपके नाम लिखूं ...
हर लफ्ज एक गीत बने ,ऐसा कोई साज़
लिखूं ,
कि कलम से एक नया अंदाज़
लिखूं ....
आपके हुस्न कि तारीफ में सोचता हूँ कुछ
अल्फाज लिखूं ,
लिखा ना हो जो अब तक किसी ने
ऐसा कुछ आज लिखूं ....
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#कुंदन_नज़्म
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