...

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फलसफा-ए-ज़िन्दगी

अनसुलझी गुत्थी हूंँ या कोई फ़लसफ़ा हूँ।
किसी और से नहीं, मैं ख़ुद से ही ख़फ़ा हूंँ।

घुट रही हैं साँसें, मोजिजे़ की तलाश है।
बदनाम हूँ जफ़ा से, मैं असल में वफ़ा हूँ।

खुशियांँ...