बचपन
#ChildrensDay
क्या मासूमियत थी उस बचपन में
जो खुलकर हम जी लिया करते थे
क्या मासूमियत थी उस बचपन मे,
ना कुछ पाने का डर, ना कुछ खोने का डर
जो है उसमें मस्त रहते थे ,
जो नहीं है उसकी परवाह नहीं करते थे
जैसे थे जिस हाल में थे उसको जी लिया करते थे,
वाकई क्या मासूमियत थी उस बचपन मे...
आज भी याद आता है वो चौराहे वाला खेल,
खुले आसमान के नीचे शैतानियों की मजा लेते हुए...
क्या मासूमियत थी उस बचपन मे...
ना जाने कहाँ खो गए अब वो दिन सुहाने।
© #Sherni_nk
क्या मासूमियत थी उस बचपन में
जो खुलकर हम जी लिया करते थे
क्या मासूमियत थी उस बचपन मे,
ना कुछ पाने का डर, ना कुछ खोने का डर
जो है उसमें मस्त रहते थे ,
जो नहीं है उसकी परवाह नहीं करते थे
जैसे थे जिस हाल में थे उसको जी लिया करते थे,
वाकई क्या मासूमियत थी उस बचपन मे...
आज भी याद आता है वो चौराहे वाला खेल,
खुले आसमान के नीचे शैतानियों की मजा लेते हुए...
क्या मासूमियत थी उस बचपन मे...
ना जाने कहाँ खो गए अब वो दिन सुहाने।
© #Sherni_nk