" पैगाम ए नफरत लिख दी "
आंसूओं से कोरे कागज, हसरत लिख दी।
उनको अरमानों की, नयी बसियत लिख दी।।
पतझड़ में क्या ख्वाहिश, करें मिलने की।
सावन की बरसात में, उन्हें बसंत लिख दी।।
उनके नयनों से घायल, दिल हर वक्त।
फिर...
उनको अरमानों की, नयी बसियत लिख दी।।
पतझड़ में क्या ख्वाहिश, करें मिलने की।
सावन की बरसात में, उन्हें बसंत लिख दी।।
उनके नयनों से घायल, दिल हर वक्त।
फिर...