...

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ओ मेरे मन!
ओ मेरे मन !

इन दिनों क्या हुआ है मुझे
महसूस होती है शर्मिंदगी
एक शरीफ आदमी कहलाने में
डर लगता है हर भले आदमी से
और उस दिन एक समारोह में
जब किसी ने मेरा परिचय दिया
एक कवि के रूप में
लगा मेरा मजाक उड़ाया गया है

ओ मेरे चित्त!
चल रहा है मन में कैसा तो अभी
सब कुछ उलट पलट गया हो जैसे
वह...