...

21 views

दिल और दिमाग
कभी कभी दिल दिमाग के बीच हम फँस जाते हैं.
उस समय चुप रहकर कुछ देर तक अकेला रहना मुनासिब होता है..
कोई इसे बेरुखी समझे या बदतमीजी
लेकिन हम इसे लिहाज़ समझते है.
किसीको कुछ समझाना नहीं चाहते
बस अल्फाजों को पन्ने में उतार कर सुकून पाते हैं
© tejsayari