...

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Back to Roots...
चलो शहर में गांव बसाते हैं,
नए से कुछ पुराने हो जाते हैं,
यूं तो दुश्मन हैं, हम सभी प्राणवायु के,
देर से सही, चलो ऑक्सीजन उगाते हैं.

क्या कुछ सीख पाए हम गलतियों से?
आओ एक बार खुद को आज़माते हैं,
थोड़े कम खुदगर्ज, थोड़े सजग हो जाते हैं,
बहुत लूट लिया, अब कुछ धरती को लौटाते हैं
थोड़े सादे हो जाते हैं,
मिट्टी के नज़दीक जाते हैं,
हरियाली वापस लाते हैं,
चलो शहर में गांव बसाते हैं...
© sang