जिन्दगी की जरूरत
रिश्तों की अहमियत सहमी सी क्यों है,
ज़हन में जरुरते सब अधूरी सी क्यों है,
क्या खोया क्या पाया जद्दोजहद में, जिन्दगी मेरी हर रात अंधेरी सी क्यों है,
हर रिश्ता चाहता हूं सिद्दत से निभाना,
पर मेरी दिल ए आवाज बेसुरी सी क्यू है,
...
ज़हन में जरुरते सब अधूरी सी क्यों है,
क्या खोया क्या पाया जद्दोजहद में, जिन्दगी मेरी हर रात अंधेरी सी क्यों है,
हर रिश्ता चाहता हूं सिद्दत से निभाना,
पर मेरी दिल ए आवाज बेसुरी सी क्यू है,
...