...

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हारे हुए लोग
समझ में ही नहीं आता कि मैं ऐसा था तो क्यों अब तक
मुझे बस जीत के ही ख़्वाब नज़र आते थे आख़िर क्यों
मुझे सबने बताया था कि जीतोगे तो ख़ुशहाली
तुम्हारी दस्तरस में होगी और तुम ही बादशाह होगे
मुझे भी शौक़ था कुछ बादशाही से ख़यालों का
तो मुझ को भी लगा कि जीत ही दुनिया में सब कुछ है
जो इसको पा लिया तो फिर कभी मायूस न होंगे
हमारे नाम के सारे चरागों में वो लौ होगी
कि जिसकी रौशनी से सारे रस्ते जगमगाएंगे
जहाँ सब कुछ हमारे ही मुताबिक़ चल रहा होगा
जहाँ मेरी रज़ामंदी में ही सबकी रज़ा होगी
जहाँ मेरी ही बातों पे तो सारे मुस्कराएंगे
जहाँ सब लोग मेरे ही तराने गुनगुनाएंगे
मुझे सबने बताया जीत...