...

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रोटी
होटों पे हसी,
घुंगराले बालो में उछल,
कोई दिखे, तो उनके पास दौड़ पडती
बड़ी, टिमटिमाती आँखों से बाते करती.

युगल के उस बगीचे मे,
वो गुब्बारे बेचने वाली बच्ची,
शायद, एक रोटी का सपना देख रही थी.