...

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मां के रूप🌹🌿
अक्सर ये सुना है
कि मां जैसा कोई नहीं होता
मां से बड़ा भगवान भी नहीं होता ??
कई बार ये सवाल मन में आता है
आखिरकार ये मां का दिल रिश्तों की परिभाषाओं से क्यों बदल जाता है .....🌹🌿

बेटा जब तक कंवारा रहे, मां का दुलारा रहे
बहू जब आए तो मां उसे जोरु का गुलाम कहे
क्यूं, कहां और किस वजह से भावनाएं
और रिश्तों के रूप बदल जाते हैं
क्यों बहू के प्रति सास के मन में
मां......जैसे भाव नहीं आते हैं..........🌹🌿

मैनें खुद अपनी आंखों से मां के
कई स्वरूप देखे हैं 🤔
कई देवी तुल्य तो कई बहरूप देखे हैं
नहीं अपमान में मां के नाम का करना चाहती
मगर जाने क्यों मुझे मन से संतुष्टि नहीं आती
इसलिए आज मन में यूं ही ख्याल आ गया
आखिर मां का असल वजूद क्या है ये
विचार दिल दिमाग खा गया...........🌹🌿

काश ! कि हर मां संस्कारी हो जाए
तो उनसे जुड़ी पीढ़ी भी हितकारी हो जाए
हममें से ही तो हैं जो बीज बबूल के बोते हैं
फिर देख नतीजा कर्मों का खुद ही रोते हैं
कई उदाहरण देखे ऐसे.........
कुछ घर को स्वर्ग बना देते तो
कुछ दृष्टांत घर की ऐसी तैसी कर देते..🌹🌿

कई मांओ को बेटे बेटी में फर्क करते देखा

© स्वस्तिका