मैं रोया हूँ करती
छुपा कर के आँखें मैं रोया हूँ करती
गमे दिल किसी से नहीं हूँ मैं कहती
बिताये न बीते सताती है रैना
नज़र खोल अपनी मैं रहती हूँ तकती
खिले फूल...
गमे दिल किसी से नहीं हूँ मैं कहती
बिताये न बीते सताती है रैना
नज़र खोल अपनी मैं रहती हूँ तकती
खिले फूल...