My Dear Son
स्वेत पटल है,आगे कल है
ध्येय घरो तुम, नए रंग का सुत्र बनो तुम।
नए खेल में, नए परिचय में
विद्रोह करो तुम, स्वच्छंद उड़ो तुम।
ये तेरी कहानी ,कल तुझे सुनानी
गर्व भरी या स्याह वो ग्लानी ,
साहस और संघर्ष चुनो तुम।
जो बिता, कल था, बचपन का वो पृष्ठ एक था
नए सिरे से नींव घरो तुम ,खुद अपना इतहास लिखो तुम।
राह...
ध्येय घरो तुम, नए रंग का सुत्र बनो तुम।
नए खेल में, नए परिचय में
विद्रोह करो तुम, स्वच्छंद उड़ो तुम।
ये तेरी कहानी ,कल तुझे सुनानी
गर्व भरी या स्याह वो ग्लानी ,
साहस और संघर्ष चुनो तुम।
जो बिता, कल था, बचपन का वो पृष्ठ एक था
नए सिरे से नींव घरो तुम ,खुद अपना इतहास लिखो तुम।
राह...