...

15 views

ग़ज़ल
हो वहम दिल में तो क्या-क्या दिखाई देता है
घने अँधेरे में चेहरा दिखाई देता है

तेरे बिना मुझे कुछ भी नज़र नहीं आता
बग़ैर चश्मे के धुँधला दिखाई देता है

ख़बर है मुझ को वो प्यासा है कितना अंदर से
तुम्हें जो आदमी दरिया दिखाई देता है

ज़ईफ़ माँ को तो काफ़ी है इतनी बीनाई
कि उस की आँख से बेटा दिखाई देता है

ये बच्चे नोट को पैसा नहीं समझते हैं
इन्हें बस एक रुपैया दिखाई देता है

© Rehan Mirza

#ghazal #WritcoQuote #writcopoem #Shayari #Hindi #urdupoetry