ज़िंदगी
अपनों से दूर सपनों के पीछे
सच होते सपने पीछे छूटे अपने
रंजिश की आतिश रिश्तों में साज़िश
क्यूं बेगुनाह...
सच होते सपने पीछे छूटे अपने
रंजिश की आतिश रिश्तों में साज़िश
क्यूं बेगुनाह...