आजादी की रात
कितनी सुहानी रात थी वो
जब शहीदों ने अंग्रेजों से आजादी दिलाई थी!
पलकों ने भी निंदिया छोड़ी
जब घी के दियों की दिवाली मनाई थी!
कोना कोना जगमगा उठा था
जब देश के बेटों ने विजय पाई थी!
माँ, बहन, बेटी और पत्नी की
अँखियों ने खुशियों की धारा बहाई...
जब शहीदों ने अंग्रेजों से आजादी दिलाई थी!
पलकों ने भी निंदिया छोड़ी
जब घी के दियों की दिवाली मनाई थी!
कोना कोना जगमगा उठा था
जब देश के बेटों ने विजय पाई थी!
माँ, बहन, बेटी और पत्नी की
अँखियों ने खुशियों की धारा बहाई...