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अपनी आलोचना से मत डरिये
अपनी आलोचना से मत डरिये,
आपने खुद को समझाया है तो क्यों डरिए।
हर नज़र में जो आपकी तारीफ़ देखना चाहता है,
वही आपकी खूबसूरती की धारा बहाता है।
आपके ख्यालों की राह कोई रोक नहीं सकता,
खुद को आपसे दूर रखने की हिम्मत नहीं कर सकता।
आपका हर कदम आपकी शक्ति को साबित करता है,
आपकी हर मुस्कान आपके साहस को बढ़ाती है।
तो डरिए मत, आलोचना की चिंगारी से,
आपकी खुदराही की रौशनी बढ़ाइए।
आप हैं अनमोल, आप हैं विशेष,
खुद को पहचानिए, खुद से प्यार कीजिए।
अपनी महिमा को चमकाइए, सपनों को पूरा कीजिए,
आपकी आत्मा की गहराई से जुड़ जाइए।
अपनी आलोचना से मत डरिये,
आपने खुद को समझाया है तो क्यों डरिए।
© Simrans
आपने खुद को समझाया है तो क्यों डरिए।
हर नज़र में जो आपकी तारीफ़ देखना चाहता है,
वही आपकी खूबसूरती की धारा बहाता है।
आपके ख्यालों की राह कोई रोक नहीं सकता,
खुद को आपसे दूर रखने की हिम्मत नहीं कर सकता।
आपका हर कदम आपकी शक्ति को साबित करता है,
आपकी हर मुस्कान आपके साहस को बढ़ाती है।
तो डरिए मत, आलोचना की चिंगारी से,
आपकी खुदराही की रौशनी बढ़ाइए।
आप हैं अनमोल, आप हैं विशेष,
खुद को पहचानिए, खुद से प्यार कीजिए।
अपनी महिमा को चमकाइए, सपनों को पूरा कीजिए,
आपकी आत्मा की गहराई से जुड़ जाइए।
अपनी आलोचना से मत डरिये,
आपने खुद को समझाया है तो क्यों डरिए।
© Simrans
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