...

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वक्त
बड़ा खुद्दार है वो,
ना किसीके लिए रुकता है,
ना किसीके सामने झुकता है,
बस अपने खामोशी में
टिक टिक करके बढता रहता है,
ओर इसी राह के साथ सबको झुकाता है;
उसका ना कोई अपना ना कोई पराया,
वो तो बस...