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मातृ पितृ पूजन दिवस
नतमस्तक हम उनके चरणों में होते है,
पर रहते उनके दिलों में हर बार है,
हम तो बस खुद के बारे में ही सोचते है,
और उनसे प्यार, उनका सम्मान करना भूल जाते हर बार है,
प्यार तो वो हमसे हमेशा करते है,
पर जताते नहीं वो हर बार है,
हमारी खुशियों के लिए दिन-रात मेहनत करते है,
दुख, दर्द, पीड़ा, हमसे छुपाते हर बार है,
हमारी कामयाबी की मिसाल इस दुनिया में हो यही वो चाहते है,
भगवान को कि हुई हर मन्नत में यही मांगते हर बार है,
लिखते लिखते जिंदगी निकल जाती है,
पर इस कविता का कोई अंत करना मुश्किल होता हर बार है,
क्यूकी, सारे संसार के शब्द भी कम पढ़ते है,
जब हम लिखते मां-बाप की स्तुति हर बार है...
© Rahul Naik⚡
पर रहते उनके दिलों में हर बार है,
हम तो बस खुद के बारे में ही सोचते है,
और उनसे प्यार, उनका सम्मान करना भूल जाते हर बार है,
प्यार तो वो हमसे हमेशा करते है,
पर जताते नहीं वो हर बार है,
हमारी खुशियों के लिए दिन-रात मेहनत करते है,
दुख, दर्द, पीड़ा, हमसे छुपाते हर बार है,
हमारी कामयाबी की मिसाल इस दुनिया में हो यही वो चाहते है,
भगवान को कि हुई हर मन्नत में यही मांगते हर बार है,
लिखते लिखते जिंदगी निकल जाती है,
पर इस कविता का कोई अंत करना मुश्किल होता हर बार है,
क्यूकी, सारे संसार के शब्द भी कम पढ़ते है,
जब हम लिखते मां-बाप की स्तुति हर बार है...
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