...

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अपना दुख, अपनी मजबूरी
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
चाहे कितनी भी बुरी हो क़िस्मत
हम हारते नहीं,
भूख बस हमें हरा दे तो बात और है ।।...