फिर ना आए साल कभी ऐसा
जनवरी बीत गई बिना संक्रांत मनाए
बिना खुशियां ,बिना पतंग उड़ाए ।
फ़रवरी में ऐसी उदासी छाई
की मार्च में होली भी नहीं मनाई।
अप्रैल की रामनवमी हो, या मई की मातृदिवस
कैसे बीतेंगे ये दिन?? यही सोचते रहे बस।
जून की बरसात का मजा भी ना ले पाएंगे,
जुलाई में आने वाली ईद कैसे...
बिना खुशियां ,बिना पतंग उड़ाए ।
फ़रवरी में ऐसी उदासी छाई
की मार्च में होली भी नहीं मनाई।
अप्रैल की रामनवमी हो, या मई की मातृदिवस
कैसे बीतेंगे ये दिन?? यही सोचते रहे बस।
जून की बरसात का मजा भी ना ले पाएंगे,
जुलाई में आने वाली ईद कैसे...