हम करके दिखाएंगे
सुबह 4:00 बजे उठना
बस में वो जाना
आशाएं मन में लेकर
हमारा वो पढ़ना
मायूसिया मन में
और कुछ भी ना आता
इतने सालों से
बस घर में ही रहता
मुझको भी तो है पढ़ना
मुझको भी तो है जाना
उन्ह टीचरों से मिलना
क्या गुरु होते हैं
अब वे याद आते हैं
मैंने ये अपनी शिद्दत
कैसे यह खोई है
जज्बे वाली आत्मा...
बस में वो जाना
आशाएं मन में लेकर
हमारा वो पढ़ना
मायूसिया मन में
और कुछ भी ना आता
इतने सालों से
बस घर में ही रहता
मुझको भी तो है पढ़ना
मुझको भी तो है जाना
उन्ह टीचरों से मिलना
क्या गुरु होते हैं
अब वे याद आते हैं
मैंने ये अपनी शिद्दत
कैसे यह खोई है
जज्बे वाली आत्मा...