...

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"अहसास "
कुछ तो तकल्लुफ़ ले ए-दिल,
खुदके गम़ को छिपाने की।
आशियाँ तो बसा लिया,
पर एक चुभन सी है तेरे पास ना होने की।
बेरंग जिंदगी में रंग बन कर तुम आये,
एक ख़्वाब सुनहरे कल का,
नज़रो में तुम भर गये।
पाकर भी अब मंजिल को,
लगता खालीपन का अहसास है।
कुछ तो कोशिश करले ए-दिल,
इजहार ए मोहब्बत की।
चाहे लाख सितारो संग जी रहे है,
पर एक कसक सी है तेरे साथ ना होने की।

© शिवाजी