नेकदिल
किसी की नज़रों का नज़ारा है वो
परिवार के कल का सहारा है वो
अरमानों की उम्मीद और शाम का किनारा है वो
बचपन से ही ज़िम्मेदारियों का मारा है वो
जब कभी ख़ामोश रह कर दर्द जताता...
परिवार के कल का सहारा है वो
अरमानों की उम्मीद और शाम का किनारा है वो
बचपन से ही ज़िम्मेदारियों का मारा है वो
जब कभी ख़ामोश रह कर दर्द जताता...