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व्यथा... कर्म संसार की,जीवन की अविरल प्यास की
प्रणाम प्रभूजी,
क्यों प्रभूजी,
माया से अपनी बाँधकर,
सुंदर सुंदर माटी के इन खिलौनों में,
खुद को बसाकर,तुम कहते हो...
ढूंढो मुझकों...
और मुझ नीरस में,
फिर से नवीन प्राणों का संचार कर...
तुम कहते हो.. पा लो मुझको...
मैं दर्द सारे बिसराकर जब शरण,
तिहारी आयी थी...
जब पग पग तुमने मुझको,
आँचल में अपने समेटा था...
तो आज किस कारण...
माया बन्धन बीच में आन पड़े,
न राह हैं, न आसरा इनमें... ये सब बस भ्रम हैं, और भ्रम ही जान पड़े,
तेरी चौखट पे सिर रखकर,
जब हम खुद को ख़ुशनसीब समझते हैं..तो बताओ प्रभूजी....
तेरे बिन कैसे इस रूह को ,
एक पल भी चैन पड़े...
ये माया संसार ...
अंधकार सा मुझको जान पड़ता हैं,
मेरा तो रोशनी से वास्ता है,
मेरा तो आपसे वास्ता हैं प्रभूजी...आपसे कभी पर्दा किया नहीं, प्रभूजी,
फिर भी पर्दा अक्ल पर पड़ा क्यों हैं,
ये मिथ्या सँसार आपका, और ह्रदय में मेरे करुणा का सागर क्यों हैं,
मैं न मांगू, अपनी मर्जी से और कुछ भी...
आपको पता है, के वास्तव में ज़रूरी क्या हैं..
आग सी लगी हैं, ह्र्दय में...
स्वछन्द घूमने की चाह नहीं कोई,
जो आपको आनंदित कर दे...
कर्तव्य वही मुझको सोई...
मैं ना जानू, रिझाना किसी को...
प्रभूजी बस तुम न दूर होई..
नेणों में मेरे प्रीत अजब बसाकर...जाना चाहते हो मुझको बिसराकर...
ढूंढ ही लेंगे तुमको ...अँसुवन में अपने...
देख लेना...दौड़ते हुए आओगें, मुझे लेने..आँचल में अपने समेटकर..जैसे अब तक सम्भाला हैं मुझको,
आगे भी तुम ही संभालोगे...
चाहे आस हो या साँस।
कड़वे ह्रदय के बवंडर को शब्दों में पिरोने के लिए आभार प्रभूजी।🙏🌍🐚🇮🇳🌼

#प्रभुकृपा #soulnature #self adventure #pahimam #chandrashekhar #baba #friend #mhadev #aabharprabhuji #@lali9533© nikita sain