Think twice
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
हाथ किसी का तो होता है टूटने में,
जा जल्दी कर,
वो तेरा ही अक्श है,
पीठ पीछे सहूलियत दी जिसने,
वही तो दोषी है,
अरे तू पहचान कर रे,
भुल जा खून के रिश्ते भी,
जो नोच...
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
हाथ किसी का तो होता है टूटने में,
जा जल्दी कर,
वो तेरा ही अक्श है,
पीठ पीछे सहूलियत दी जिसने,
वही तो दोषी है,
अरे तू पहचान कर रे,
भुल जा खून के रिश्ते भी,
जो नोच...