हम और वो
हम जो उनकी फिक्र करे
वो उसे ही मजाक समझा करे
फिर हम ये फिक्र क्यूं करे?
हम उनसे हर बात क्यूं कहे?
पर ऐसा ना करे
हम ये दिल कहे
आखिर उनके बिना हम कैसे रहे?
करते है उनको प्यार कितना
ये हम कैसे बयां करे?
खुदको उनसे दूर करके
हम क्यूं ये गुनाह करे?
हम तो बस है ये...
वो उसे ही मजाक समझा करे
फिर हम ये फिक्र क्यूं करे?
हम उनसे हर बात क्यूं कहे?
पर ऐसा ना करे
हम ये दिल कहे
आखिर उनके बिना हम कैसे रहे?
करते है उनको प्यार कितना
ये हम कैसे बयां करे?
खुदको उनसे दूर करके
हम क्यूं ये गुनाह करे?
हम तो बस है ये...