...

26 views

ये कैसा दस्तूर ......?
बेशक धूं धूं कर जल गया रावण
आज चौराहों और मैदानों में

पर "हरने" को सीता कोई
अब भी जीवित है वो इंसानों में

यूं तो राम राज्य की बातें
जाने कितने करते हैं

पर उन में से कितने
नारी की इज्ज़त करते हैं ?

रावण दहन का ये दस्तूर
हम शदियों से मनाते आए हैं

पर अफ़सोस कहां किसी सीता को
इंसाफ़ दिला पाए हैं

असल दशहरा तो
हम उस दिन मनाएंगे

जिस दिन हम ख़ुद ही
अपने भीतर का रावण जलाएंगे
🙏






© Rekha pal