क्युकी आज भी तुम वहीं हो.....
सालो साल निकल गए,
बदला कुछ नहीं था,
वहीं रात वहीं सुबह की नींद है,
सब कुछ वहीं था....
वक़्त रेत की तरह फिसल रहा था,
तुम फिर...
बदला कुछ नहीं था,
वहीं रात वहीं सुबह की नींद है,
सब कुछ वहीं था....
वक़्त रेत की तरह फिसल रहा था,
तुम फिर...