...

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आज की सोच
बचपन बीत गया जवानी की सोच में, जवानी बीत रही है बुढ़ापे की सोच में, बुढ़ापा भी बीत जाएगा मौत की सोच में। अरे भाई, कभी तो आज के बारे में सोचो! क्या पता कल हो न हो।