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जीव तो है सब एक समान
जीव तो है सब एक समान,
चाहे हो, गौ,भैंस,बकरी,पशु सब है महान,
फिर क्यों देखे स्वार्थी बन कर सिर्फ एक का अपमान?

स्वार्थ के लिए बेचा जाना पशुओ को कानून ने सही ठहराया,
गौ है माता इसलिए उसके काटे जाने पे बिल बनाया,
भैंस,बकरी,और अन्य पशु भी है जीव यह भूल गए सब,
अन्य पशुओं के लिए कानून ना आगे आया...

व्यक्तिओ की स्वार्थी प्रवृत्ति ने बेच दिया पशुओ को,
आर्थिक स्थिति बढ़ाने के लिए जान लेली पशुओ की फिर चाहे हो भैंस,बकरी या गौ...

भावुक स्वार्थ ने गौ को काटना गलत ठहराया,
अन्य पशुओं को काटना है सही यह कानून में लिख के आया,
स्वार्थ की कीमत पशुओ की जान भी पूरी ना कर पाया.....

भावुकता का स्वार्थ हमे समस्या की जड़ से कर रहा है दूर,
स्वार्थपूर्ण आर्थिक स्तिथि ने व्यापारियों को कर दिया है मजबूर,
समस्या पशुओ की हत्या का नही उसके पीछे छुपे कारण का है,
मुद्दा जड़ से समस्या को खत्म करने के निवारण का है...

एक पशु के लिए बना कानून क्या समस्या की जड़ का है समाधान ?
भैंस,बकरी,और अन्य पशु भी असामान्य रूप से दे रहे है अपनी जान,
सिर्फ गौ को बचाने से ही रहेगा क्या हमारे देश का मान?

हमारी सहूलियत के हिसाब से हम जान लेते और बचाते है,
हमारे स्वार्थ के लिए पशु पक्षी अपनी जान दे जाते है,
श्री कृष्ण थे ग्वाले और उनकी भक्ति है सब करते,
फिर क्यों हर रोज़ करोड़ो पशु पक्षी है मरते?
जीव तो है सब एक समान,
फिर क्यों देखे स्वार्थी बन कर सिर्फ एक का अपमान?

सन्देश-
समस्या की जड़ हमारा स्वार्थ और सहूलियत है,
पशुओ की मासूमियत की मिट गई अहमियत है,
पशुओ में भेद भाव उतपन्न होता है भावुकता के कारण,
भावुकता,स्वार्थ और सहूलियत को हटाइए दिखेगा आप सभी को इसका निवारण....
जीव तो है सब एक समान,
फिर क्यों देखे स्वार्थी बन कर सिर्फ एक का अपमान?
#Slautering animals










© DM मन की बातें