ख़ामोशी की सदा
सबने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नहीं
वहम वो रोग जिसकी कोई दवा ही नहीं
गलतफहमियां इतनी बढ़ने लगीं दर्मियां
कभी सुनी मेरी ख़ामोशी की सदा ही नहीं
मैंने चाहा था सब...
वहम वो रोग जिसकी कोई दवा ही नहीं
गलतफहमियां इतनी बढ़ने लगीं दर्मियां
कभी सुनी मेरी ख़ामोशी की सदा ही नहीं
मैंने चाहा था सब...